बुधवार 26 मार्च 2025 - 19:16
आयतुल्लाह आराफी की जनता से ‘ना टू एक्सीडेंट्स’ अभियान में भाग लेने की अपील / सड़क दुर्घटनाओं को कम करना एक महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी

हौज़ा / हौज़ा इल्मिया के प्रमुख ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के नुकसान कई पहलुओं से होते हैं और यह व्यक्ति और समाज दोनों के लिए गंभीर संकट का कारण बनते हैं। इसलिए सभी को इसे एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी समझकर दुर्घटनाओं को कम करने के लिए प्रयास करना चाहिए।

हौज़ा न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार,आज आयतुल्लाह अली रज़ा आराफी ने क़ुम प्रांत के ट्रैफिक पुलिस प्रमुख सरहंग ग़ुलाम रज़ा सदा से मुलाकात की यह बैठक हौज़ा इल्मिया के कार्यालय में आयोजित की गई।उन्होंने कहा कि क़ुम की ट्रैफिक पुलिस ने कई मूल्यवान कार्य किए हैं और आशा है कि यह प्रयास जारी रहेंगे।

उन्होंने आगे कहा कि ट्रैफिक पुलिस का कार्य दो भागों में बंटा हुआ है एक भाग उनकी स्वयं की ज़िम्मेदारी है और दूसरा भाग अन्य सरकारी संस्थाओं से जुड़ा हुआ है। शहर में सुरक्षित यातायात व्यवस्था और बुनियादी ढांचे की व्यवस्था अन्य संस्थाओं की ज़िम्मेदारी है, लेकिन पुलिस को भी इसके लिए निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए।

आयतुल्लाह आराफी की जनता से ‘ना टू एक्सीडेंट्स’ अभियान में भाग लेने की अपील / सड़क दुर्घटनाओं को कम करना एक महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी

क़ुम के इमाम-जुमा  आयतुल्लाह आराफी ने यातायात नियमों का पालन कराने और दुर्घटनाओं को कम करने के लिए संस्कार निर्माण को आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि इस संस्कृति का निर्माण सबसे पहले घर और स्कूलों में होता है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग, परिवार, धार्मिक शिक्षण संस्थान और मीडिया विशेषकर टेलीविजन और रेडियो इस कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। अच्छे विचार और अनुशासन की जड़ें बचपन से ही डाली जानी चाहिएं।

आयतुल्लाह आराफी ने कहा कि पुलिस अधिकारियों का जनता के साथ अच्छा व्यवहार प्रशंसनीय है। यदि यातायात नियमों के उल्लंघन पर सख्ती बरती जाए, लेकिन साथ ही जनता के साथ अच्छा और सम्मानजनक व्यवहार रखा जाए तो यह बहुत प्रभावी होगा।

आयतुल्लाह आराफी की जनता से ‘ना टू एक्सीडेंट्स’ अभियान में भाग लेने की अपील / सड़क दुर्घटनाओं को कम करना एक महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी

अंत में हौज़ा इल्मिया के प्रमुख ने जनता और अधिकारियों से सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए मिलकर काम करने की अपील की। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाएं एक बहुआयामी संकट हैं जो व्यक्ति और समाज दोनों के लिए गंभीर पीड़ा का कारण बनती हैं। इसलिए इसे एक महत्वपूर्ण सामाजिक कर्तव्य समझकर सभी को अपनी ज़िम्मेदारी निभानी चाहिए।

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